बिना दाम बढाये आपकी जेब काट रही कंपनियां

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पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और नींबूज्ये 4 शब्द सुनते ही पांचवां शब्द अपने आप मुंह से निकल जाता है, वो है महंगाई। बच्चा-बच्चा जानता है कि इन चीजों के दाम रॉकेट की तरह बढ़ रहे हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ डेली यूज प्रोडक्ट्स ऐसे हैं, जिनकी कीमत महंगाई के इस दौर में भी नहीं बढ़ी। फिर भी वे महंगे हो गए हैं।

ऐसा ही है नित्य प्रयोग में ऐसे ढेरों प्रोडक्ट हैं, जिनकी कीमत 1 पैसा भी नहीं बढ़ी, लेकिन फिर भी ये महंगे हो गए। अर्थशास्त्र में इस तरह बढ़ने वाली महंगाई को अंग्रेजी में श्रृंकफ्लेशन और हिंदी में सिकुड़न कहते हैं। इसमें प्रोडक्ट की प्राइस बढ़ाने के बजाए क्वांटिटी कम कर दी जाती है। शृंकफ्लेशन ही नहीं महंगाई बढ़ाने के और भी 3 तरीके हैं।

अर्थशास्त्र में तो इनके जटिल नाम हैं, लेकिन आसान भाषा में कहें तो ये हैं कछुआ चाल महंगाई, घोड़ा दौड़ महंगाई और रॉकेट स्पीड महंगाई।


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