योगी सरकार और उपमुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के आदेशों की उड़ाई जा रही धज्जियां ।
1 min readउत्तर प्रदेश ।
राष्ट्रीय हिन्दी न्यूज़ चैनल की टीम लगातार स्वास्थ्य विभाग की नियमो की अनदेखी कर इन फर्जी तरीके से संचालित अस्पतालों के बाबत ख़बरें चला रही हैं लेकिन स्वास्थ्य महकमें के कुछ अधिकारियों की उदासीनता और मिलीभगत से इन पर रोक नहीं लग पा रही है। जिस कारण मरीजों की जान पर बन आई है
गाजीपुर जनपद के जमानिया तहसील मुख्यालय तथा आस-पास बिना रजिस्ट्रेशन और स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की मिलीभगत से धड़ल्ले से अवैध हॉस्पिटल संचालित हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण इन अवैध अस्पतालों के संचालकों की चांदी कट रही है। बता दें कि राष्ट्रीय हिन्दी न्यूज़ चैनल टीम कि स्पेशल कवरेज में स्वास्थ्य महकमें के नियमन का मखौल उड़ाता हुआ मामला सामने आया है। जनपद के जमानिया ब्लाक अन्तर्गत स्वास्थ्य केंद्र के समीप ही बकायदा बोर्ड बैनर के आलीशान बिल्डिंग में जीवनदीप हॉस्पिटल के नाम से अवैध अस्पताल का संचालन हो रहा है। वही दूसरी तरफ सिटी हॉस्पिटल जिसमें कवरेज के दौरान अति गम्भीर मरीजों को पैसे बनाने के चक्कर में भर्ती किया गया है।
कवरेज के दौरान यह सच्चाई उजागर हुई कि जिन डाक्टर महोदय के नाम उक्त हॉस्पिटल में मरीज का ऑपरेशन हुआ है जनपद मुख्यालय कू मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से आए नोडल अधिकारी द्वारा उनका नंबर डायल करने पर फोन तक नहीं उठा, दूसरे जीवनदीप अस्पताल में कोई भी डॉक्टर या कर्मचारी नही मिले, सुदर्शन न्यूज़ की टीम ने जब इस बाबत जांच नोडल अधिकारी डॉ शैलेश शिशिर से जानना चाहा कि यहां सिटी अस्पताल में ऑपरेट महिला और उसकी बच्ची भर्ती है तो उनका कहना था कि एनएम या जेएन एम का रहना जरूरी है यह मानक के विरुद्ध है और जब संवाददाता ने जीवनदीप हॉस्पिटल के विषय में जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि यह बिना रजिस्ट्रेशन का अस्पताल खुला हुआ है और मरीजों का इलाज किया जा रहा है वही ब्लॉक के मतसा में जनता हॉस्पिटल के नाम से भी फर्जी अस्पताल व पैथोलॉजी चल रहा था जब जांच टीम और राष्ट्रीय हिन्दी न्यूज़ की टीम पहुंची तो जनता हॉस्पिटल व पैथालॉजी,जीवनदीप अस्पताल और कस्बा जमानिया स्थित सरसुंदर अस्पताल के संचालक फरार हो गए,उक्त फर्जी अस्पतालों के बाबत जांच के निर्देश दिए हैं।