टीसीएस पर 900 कर्मचारियों का वेतन रोकने व 2000 कर्मचारियों के जबरन तबादले का आरोप ।

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महाराष्ट्र ।

महाराष्ट्र सरकार के श्रम मंत्रालय ने भारतीय आईटी दिग्गज टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को नोटिस भेजा है, क्योंकि पर्याप्त नोटिस के बिना सैकड़ों कर्मचारियों के जबरन स्थानांतरण के संबंध में शिकायतें आ रही हैं। इन तबादलों के संबंध में शिकायत आईटी कर्मचारी संघ नवजात सूचना प्रौद्योगिकी कर्मचारी सीनेट (एनआईटीईएस) ने दर्ज कराई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि टीसीएस ने करीब 2000 कर्मचारियों का अलग-अलग शहरों में तबादला किया। एनआईटीईएस ने रिपोर्ट में कहा कि टीसीएस के कर्मचारियों को उचित स्थानांतरण या परामर्श के लिए पर्याप्त समय दिए बिना दूसरे शहर में कंपनी की विभिन्न शाखाओं में स्थानांतरित कर दिया गया, जिससे उन्हें कठिनाई हुई।

एनआईटीईएस के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने श्रम विभाग को लिखे पत्र में कहा कि टीसीएस ने कर्मचारियों को तबादले का पालन नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी दी है। यूनियन ने कहा कि कथित जबरन तबादले के बाद उन्हें टीसीएस कर्मचारियों से 300 शिकायतें मिली हैं। टीसीएस कर्मचारियों को भेजे गए ईमेल में कहा गया है, ‘यह टीसीएस मुंबई को आपके ट्रांसफर ऑर्डर के संदर्भ में है, जिसके बाद ट्रांसफर ईमेल में आपको 14 दिनों में उक्त ब्रांड को रिपोर्ट करने और ट्रांसफर प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया गया है। हालांकि, यह ध्यान दिया गया है कि आप आज तक स्थानांतरित ब्रांड को रिपोर्ट करने में विफल रहे हैं। इसलिए, कंपनी आपके वेतन को रोकने की पहल कर रही है।

TCS ने 900 कर्मचारियों का वेतन रोका
महज 14 दिनों में कर्मचारियों को दूसरे ब्रांड में स्थानांतरित करने के लिए मजबूर करने के लिए आलोचना ओं का सामना कर रही टीसीएस ने कथित तौर पर कंपनी की नीतियों का पालन करने में विफल रहने के लिए 900 कर्मचारियों का वेतन रोक दिया है। कंपनी ने अनैतिक रूप से उन कर्मचारियों का वेतन रोक दिया है जो इन जबरन तबादलों का विरोध कर रहे हैं। एनआईटीईएस ने कहा कि एनआईटीएस टीसीएस की अवैध रणनीति की कड़ी निंदा करता है, जो कर्मचारियों को जबरन तबादलों को स्वीकार करने या नौकरी से इस्तीफा देने के लिए मजबूर करता है। कुछ कर्मचारियों को दिसंबर महीने के लिए केवल 6,000 रुपये दिए गए थे, जबकि अन्य का वेतन पूरी तरह से रोक दिया गया था। टीसीएस ने कथित तौर पर इन कर्मचारियों की आधिकारिक उपस्थिति और टाइम शीट पोर्टल तक पहुंच को अवरुद्ध कर दिया। इस बीच, महाराष्ट्र के श्रम विभाग ने टीसीएस से 18 जनवरी को एक संयुक्त बैठक में इस मामले पर अपना रुख पेश करने को कहा है।

पत्रकार – देवाशीष शर्मा


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