कंगाल हुई सोने की लंका, 13 जुलाई को देंगे राजपक्षे अपने पद से इस्तीफा
1 min readश्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक स्थिति डगमगाई हुई है. देश की तस्वीर बदल गई है. हालात इतने बुरे है हैं की सभी देश इस पर दुःख जता रहे हैं. श्रीलंका में आपातकालीन स्थिति पैदा हो चुकी है। एक तरफ राजपक्षे परिवार समेत देश छोड़ के भाग चुके हैं वही दूसरी तरफ जनता ने राष्ट्रपति भवन पर कब्ज़ा कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक़, वहां के लोगों में रोष है, राष्ट्रपति भवन पर उनका कब्ज़ा है..और अब इस हिंसा ने तुल पकड़ लिया है। इसी हिंसा को रोकने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया ,उन पर पानी की बौछारें की तथा गोलियां भी चलाई, लेकिन इन सब के बाद भी प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए।
इधर श्रीलंका ईंधन और दवाई जैसी जरूरतों की तमाम चीजों को आयात करने की स्थिति में नहीं है. पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. ईंधन का स्टॉक खत्म होने की कगार पर है. बिजली और फ्यूल को बचाने के लिए स्कूल और दफ्तर बंद कर दिए गए हैं.
शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन का घेराव करने के बाद उस पर कब्जा कर लिया. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे मौजूदा हालात देखकर एक दिन पहले ही आवास छोड़कर भाग गए. बता दें कि राष्ट्रपति भवन पर प्रदर्शनकारियों के कब्जे के बाद गोटबाया के बेडरूम, स्विमिंग पूल, जिम में लोग घूमते और मस्ती करते दिखाई दिए. ये ही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे के निजी आवास को आग के हवाले कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों के जारी हगामें के बीच राष्ट्रपति इस्तीफा देने को तैयार हो गये है और इसकी जानकरी श्रीलंका के संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धन ने शनिवार रात को दी की श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे। अब देखना ये होगा की क्या इस इस्तीफे के बाद श्रीलंका की तस्वीर बदलेगी? नई सरकार के बाद क्या वो श्रीलंका को इस बुरे दौर से निकाल पायेगी।