Jodhpur: जनता ने किया चोर का ‘ऑन द स्पॉट’ फैसला, कानून सवाल के कटघरे में
खबर है जोधपुर से जहां ना एफआईआर ना पुलिस की रिमांड ना ही कानूनी प्रक्रिया और फैसला ऑन द स्पॉट।
एवंफिल्म का डायलॉग नहीं है। दरसल, ये मामला रातानाडा थाने से महज 200 कदमों की दूरी पर एक व्यक्ति को 2 लोग पीट रहे थे। पिटाई भी ऐसी कि अगला रहम की भीख मांग रहा है। लेकिन दोनों उसे छोड़ने का नाम नहीं ले रहे। हालांकि, एक व्यक्ति बीच में पीटने वाले व्यक्ति को उसे छोड़ने के लिए भी कहता है। लेकिन, ये जनाब है कि रुकने का नाम नहीं ले रहे।
दनादन लाते बरसाते दिख रहा है ये व्यक्ति।
दरअसल पीटने वाला व्यक्ति एक दुकान से तेल का टीन चोरी कर भाग रहा था। लेकिन दुकानदार को उसका पता चल गया और दुकानदार संग उसका नौकर चोर के पीछे भाग कर उसे पकड़ लेते हैं। उसके बाद दे दना दन उसकी धुनाई कर देते हैं। अब सवाल खड़ा यह होता है कि अगर इस तरह चोर को पकड़कर थाने से कुछ ही दूरी पर फैसला कर दिया जाता है और चोर को सजा दे दी जाती है तो फिर पुलिस कानून और न्यायपालिका की क्या जरूरत ? क्या बीच सड़क पर इस चोर को सजा देने वालों को यह हक किसने दिया कि वह बीच सड़क पर उसकी पिटाई कर रहे हैं। अगर वह रंगे हाथों पकड़ा गया तो पुलिस को बुलाकर उसके हवाले किया जा सकता था। लेकिन फैसला ऑन द स्पॉट कर दिया जाना सवाल खड़ा करता है पूरे सिस्टम पर।