हार के बावजूद भी मायावती को नहीं कोई मलाल, बोलीं- बीएसपी ही बीजेपी को हरा सकती है

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उत्तर प्रदेश के लोकसभा उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी भले ही तीसरे नंबर पर रही है. बावजूद इसके मायावती के लिए ये नतीजे काफी राहत भरे हैं. बसपा सुप्रीमो ने इस चुनाव में अपने पुराने मुस्लिम-दलित समीकरण का दांव चला था. जो काफी हद तक कामयाब रह. आजमगढ़ में मुस्लिम प्रत्याशी गुड्डू जमाली पर दांव चलकर बसपा एक फिर मुस्लिम वोटरों को अपनी ओर खींचने में कामयाब रही. यही वजह है कि मायावती अब इसी फॉर्मूले को लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में लग गई हैं.

उन्होंने ट्वीट कर कार्यकर्ताओं से कहा कि 2024 चुनाव में एक विशेष समुदाय को गुमराह होने से बचाना है. इससे साफ है कि मायावती का इशारा मुस्लिम वोटर्स को लेकर है. बता दें कि आजमगढ़ उपचुनाव के नतीजों के बाद मायावती ने ट्वीट कर कहा कि “बीएसपी के सभी छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और पार्टी प्रत्याशी शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली आदि ने आज़मगढ़ लोकसभा उपचुनाव जिस संघर्ष और दिलेरी के साथ लड़ा है उसे आगे 2024 लोकसभा आमचुनाव तक जारी रखने के संकल्प के तहत चुनावी मुस्तैदी यथावत बनाये रखना भी ज़रूरी.” उन्होंने आगे कहा कि सिर्फ आज़मगढ़ ही नहीं बल्कि बीएसपी की पूरे यूपी में 2024 लोकसभा आमचुनाव के लिए ज़मीनी तैयारी को वोट में बदलने हेतु भी संघर्ष और प्रयास लगातार जारी रखना है.

इस क्रम में एक समुदाय विशेष को आगे होने वाले सभी चुनावों में गुमराह होने से बचाना भी बहुत ज़रूरी इससे पहले भी रविवार को मायावती ने दावा किया था बीजेपी को हराने की जमीनी और सैद्धांतिक शक्ति सिर्फ बसपा के पास ही है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर उपचुनावों को रूलिंग पार्टी ही जीतती है लेकिन फिर भी आजमगढ़ में बसपा ने जिस तरह से बीजेपी और सपा को टक्कर दी वो सराहनीय है. पार्टी के छोटे-बड़े सभी जिम्मेदार लोगों और कार्यकताओं को और अधिक मजबूती के साथ आगे बढ़ना है.


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