छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम बघेल और महादेव ऐप के प्रमोटरों के खिलाफ FIR दर्ज ।


छत्तीसगढ़ ।

मीडिया एजेंसियों के अनुसार उनके खिलाफ आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी सहित आईपीसी के तहत गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इससे पहले बुधवार को महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले की जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने खुलासा किया कि शेयर बाजार में लगभग 1,100 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए कई नकली खातों और नकली बैंक संस्थाओं का इस्तेमाल किया जा रहा था। जांच पूरी होने तक ईडी इन शेयरों को फ्रीज रखेगी।

इससे पहले 8 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने महादेव ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दो नई गिरफ्तारियां की थीं जिसमें छत्तीसगढ़ के विभिन्न उच्च पदस्थ राजनेताओं और नौकरशाहों के शामिल होने का आरोप है। गिरीश तलरेजा और सूरज चोखानी को क्रमशः 2 मार्च और 3 मार्च को हिरासत में लिया गया था। एजेंसी ने एक बयान में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत ने उन्हें 11 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया। इससे पहले एजेंसी ने कहा था कि महादेव ऐप के माध्यम से कथित रूप से गैरकानूनी रूप से प्राप्त धन का उपयोग छत्तीसगढ़ में राजनेताओं और नौकरशाहों को रिश्वत देने के लिए किया गया था जो ऐप के प्राथमिक प्रमोटरों और ऑपरेटरों का गृह राज्य है।

ईडी ने अब तक 1764.5 करोड़ रुपये की चल संपत्तियों को जब्त या फ्रीज किया है। इसके अलावा महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले के मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने दावा किया था कि महादेव ऐप के प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भुपेश बघेल को लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। राज्य विधानसभा चुनावों से ठीक पहले लगाए गए इन आरोपों का बघेल ने खंडन किया जिन्होंने उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयासों के रूप में उन्हें खारिज कर दिया। कांग्रेस पार्टी ने इन आरोपों की निंदा करते हुए इसे केंद्र सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध की साजिश बताया। छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर के मूल निवासी चंद्राकर और उप्पल महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप से जुड़े हैं जिन पर अवैध सट्टेबाजी प्लेटफार्मों को सुविधाजनक बनाने का आरोप है।

पत्रकार – देवाशीष शर्मा


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