भारत रत्न का चुनावीकरण व राजनीतिकरण किया : गहलोत ।
1 min readजयपुर, राजस्थान ।
केंद्र सरकार द्वारा 5 विभूतियों को भारत रत्न दिए जाने का स्वागत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इन विभूतियों के लिए हमारे दिल में अथाह सम्मान है एवं देश के लिए इनका योगदान अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि हालांकि ऐसा लगता है कि एक वर्ष में अधिकतम 3 भारत रत्न देने के नियम को तोड़कर आनन-फानन में भारत रत्न देकर इस सम्मान का चुनावीकरण व राजनीतिकरण किया गया है एवं सम्मान की गरिमा कम की गई है।
उन्होंने कहा – “मुझे नहीं लगता है कि इन निर्णयों से एन.डी.ए.को बहुत बड़ा लाभ मिल सकेगा।”
गहलोत ने आगे कहा – “यदि एनडीए सरकार सच में इनके योगदान को सम्मानित करना चाहती है तो श्री कर्पूरी ठाकुर द्वारा पिछड़ों के उत्थान के लिए किए गए प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए जातिगत जनगणना करवाए, चौधरी चरण सिंह एवं एम एस स्वामीनाथन की मांग अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाए एवं पीवी नरसिम्हा राव द्वारा बनाए गए प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट की पालना सुनिश्चित करवाए जिसकी आजकल रोज अवहेलना की जा रही है एवं एनडीए सरकार के दौरान लालकृष्ण अडवाणी द्वारा जताई गई अघोषित आपातकाल जैसी आशंका के माहौल को सामान्य करने का प्रयास करे। अन्यथा सब यही मानेंगे कि ये सम्मान सिर्फ चुनावी लाभ के लिए हैं।”