विदेशी आक्रांताओं के चलते आयुर्वेद का प्रसार रुका: मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि विदेशियों के आक्रमण के कारण आयुर्वेद का प्रसार रुक गया था...

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि विदेशियों के आक्रमण के कारण आयुर्वेद का प्रसार रुक गया था, लेकिन अब उपचार की इस प्राचीन पद्धति को फिर से मान्यता मिल रही है. उन्होंने यह भी कहा कि आयुर्वेद को वैश्विक मान्यता दिलाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है.

भागवत ने यह बात यहां आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, आयुर्वेद पर्व में कही. आयुष में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी शामिल हैं. केंद्रीय आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी इस अवसर पर उपस्थित थे.

भागवत ने कहा, ‘‘लोगों के बीच आयुर्वेद का प्रसार विदेशियों के आक्रमण के चलते रुक गया था. लेकिन आयुर्वेद को फिर से मान्यता मिल रही है और समय आ गया है कि आयुर्वेद के ज्ञान का प्रसार किया जाए.”

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, हमें आयुर्वेद को कैसे आगे ले जाना चाहिए? उपाय यह है कि हर किसी को वहनीय और सामान्य मेडिकल उपचार मिले और इसके लिए आयुर्वेद से बेहतर विकल्प नहीं है.”

भागवत ने कहा कि आयुर्वेद के शुद्धतम रूप का उपयोग किया जाना चाहिए ताकि इसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिले. सोनोवाल ने कहा कि पिछले सात वर्षों से आयुर्वेद को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल रही है.


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