Russia Ukarine War: सरकार को युद्ध की भनक थी, तो तीन महीने पहले इन बच्चों को वापस क्यों नहीं लाया गया, ममता बनर्जी


रूस और यूक्रेन के बीच बीते सात दिनों से भीषण जंग जारी है। रूस लगातार यूक्रेन पर बम और गोले बरसाए जा रहा हैं। कई प्रमुख शहरों को रूस के सैनिकों ने अपने निशाने पर ले रखा है, जिसमें कीव और खारकीव में हमले कुछ ज्यादा हो रहे हैं। इन्हीं इलाकों में भारत के कई छात्र अपनी पढ़ाई करते हैं। भारत के 20 हजार नागरिक यूक्रेन में रहते हैं। अब ये छात्र इस जंग के माहौल के बीच फंसे गए हैं। जिसे लेकर उनके मन में युद्ध की विभीषिका का डर समाया हुआ है। इन सबके बीच कई छात्रों को भारत की सरकार ने यूक्रेन से वापस लाने के लिए युद्धस्तर पर तैयारी कर रखी है।

जानकारी के अनुसार, भारत सरकार ने अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा नामक प्रोजेक्ट चलाया। इससे कई छात्रों को स्वदेश वापस लाया भी गया है। साथ ही नरेंद्र मोदी की सरकार ने कई देशों में अपने देश के केंद्रीय मंत्री को भी भेज रखा है, जिससे बच्चों की वतन वापसी में कोई परेशानी न आये। इसके लिए देश को सरकार ने अपने राजदूत को भी अलर्ट पर रखा है। हालांकि, कार्य की गति धीमी का आरोप लगाकर विपक्ष ने मोदी सरकार के ऊपर निशाना साधा है।

यूक्रेन के संकट के ऊपर बंगाल की मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी के ऊपर निशाना साधते हुए कहा कि “जब सरकार इस युद्ध की भनक थी, तो तीन महीने पहले इन बच्चों को वापस स्वदेश क्यों नहीं लाया गया? उन्होंने इस दौरान पीएम मोदी की इंसानियत के ऊपर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि इनके अंदर सिर्फ राजनीतिक बातें नजर आती हैं।” इतना ही नहीं, इस मौके पर सपा प्रमुख अखिलेश ने भी नरेंद्र मोदी के ऊपर हमला किया। उन्होंने कहा कि दुनिया के सारे देश अपने नागरिकों को सुरक्षित देश ले आया, क्या भारत सरकार बीते तीन महीनों से सोई हुई थी? अभी भी वहां पर हजारों छात्र भारत के फंसे हुए हैं।


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