Russia-Ukraine Crisis: रूस और यूक्रेन के बीच आखिर झगड़ा किस बात का है?
1 min readरूस और यूक्रेन के बीच जारी विवाद खत्म होता नजर नहीं आ रहा है. यूक्रेन की सीमाओं पर 1,25,000 रूसी सेना के जवान खड़े हैं. स्थिति इतनी गंभीर है कि नाटो देशों और रूसी सेना के बीच कभी भी युद्ध शुरू हो सकता है. इस बीच युद्ध को रोकने की कोशिशें भी जारी हैं, मगर अभी तक कोई नतीजा सामने नहीं आया. आखिर विवाद है क्या? किस बात का झगड़ा है रूस और यूक्रेन के बीच जिससे युद्ध जैसे हालात बनते नजर आ रहे हैं.
यूक्रेन और रूस के बीच लड़ाई की जड़ क्या है?
यूक्रेन के पूर्वी हिस्से के लोगों का देश के प्रति गहरा असंतोष है.इसका फायदा रूस भी उठा रहा है. उसने यूक्रेन को तीन तरफ से घेर लिया है. अगर इन दोनों देशों की बीच लड़ाई की जड़ की बात करें तो सीधे शब्दों में रूस नहीं चाहता कि यूक्रेन की ताकत बढ़े या वह पश्चिमी देशों के साथ बेहतर संबंध बना पाए. इसे लेकर यूक्रेन की जनता भी दो भागों में बंटी है. यूक्रेन के राष्ट्रवादी लोग रूस की छाया से बाहर आने और पश्चिमी देशों का हिस्सा बनने की पैरवी करते हैं. वहीं यूक्रेन के भीतर रूस से खुद को जोड़कर देखने वाले लोग इसके पक्ष में नजर नहीं आते हैं. ऐसे में स्थिति और भी जटिल हो गई है.
इसके बाद से ही यूक्रेन पश्चिमी देशों के साथ अपने संबंधों को बेहतर बनाने की कोशिशों में जुटा है.रूस को यह बात पसंद नहीं है. वह नहीं चाहता कि यूक्रेन पश्चिमी देशों से अच्छे संबंध रखे या NATO (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) का सदस्य बने.अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के 30 देश इस संगठन के सदस्य हैं. नाटो का सदस्य होने का मतलब है कि अगर सगंठन के किसी भी देश पर कोई तीसरा देश हमला करता है तो सभी सदस्य एकजुट होकर उसका मुकाबला करेंगे. रूस का कहना है कि अगर नाटो की तरफ से यूक्रेन को मदद मिली तो उसका अंजाम सबको भुगतना होगा.
इस संकट के बीच अब तक अमेरिका, भारत समेत कई देश अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने का निर्देश जारी कर चुके हैं. भारत ने भी यूक्रेन से नागरिकों को वापस लौटने का निर्देश दिया है. यूक्रेन में 18,000 छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं. एयर इंडिया ने भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के लिए विशेष फ्लाइट सेवा शुरू करने का भी फैसला लिया है. विदेश विभाग और नागरिक उड्डयन मंत्रालय इस मिशन को पूरा करने के लिए जुटा हुआ है.