RBI ने चार महीने बाद फिर बढ़ाया रेपो रेट, बढ़ जाएगी आपके लोन की EMI
1 min read
दुनियाभर के बैंक महंगाई को रोकने के लिए पॉलिसी रेट में इजाफा कर रहे हैं और आरबीआई भी इसी रास्ते पर चलने वाला है. दरअलसल यूरोप ने एक दशक में पहली बार ब्याज दरों में इजाफा किया है. इसी तरह अमेरिका ने भी पिछले दो महीनों में दो बार पॉलिसी रेट में इजाफा किया है. दुनिया भर में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है. भारत में महंगाई की ऊंची दरों का सामना करना पड़ रहा हेेे. इसी के साथ रिजर्व बैंक ने भी बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिए मई और जून में नीतिगत दर में कुल 0.90 प्रतिशत की वृद्धि की थी.
तीन दिनों की बैठक के बाद आज आया निर्णय
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की अगस्त 2022 की बैठक आज शुक्रवार को संपन्न हो गई. बुधवार से चल रही तीन दिनों की बैठक के बाद आज सुबह 10 बजे रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि इस बार रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही पिछले चार महीने में रेपो रेट 1.40 फीसदी बढ़ चुका है. अब इसका असर लोगों के होम लोन से लेकर पर्सनल लोन तक की ईएमआई पर दिखने वाला है.
दो साल बाद रेपो रेट में किए गए बदलाव
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की यह बैठक पहले सोमवार से बुधवार तक होने वाली थी, लेकिन कुछ कारणों से इसे टालना पड़ा था. महगाई को काबू करने के लिए रबी ने मई महीने में रेपो रेट बढ़ाने की शुरुवात की थी। दो साल बाद RBI को रेपो रेट में बदलाव इसलिए करना पड़ा क्योंकी महंगाई आसमान छू रही थी और रिज़र्व बैंक को मेहगाये पर काबू पाना था. मई 2022 की बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाया था. उसके बाद जून महीने में मौद्रिक नीति समिति की नियमित बैठक हुई थी, जिसमें रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाया गया था. आरबीआई ने मई महीने में करीब दो साल बाद पहली बार रेपो रेट में बदलाव किया था. करीब दो साल तक रेपो रेट महज 4 फीसदी पर बना रहा था. अब रेपो रेट बढ़कर 5.40 फीसदी पर पहुंच गया है.
आंकड़ों पर निर्भरता सभी बैंकों के लिए जरूरी
फंड की लगातार निकासी के कारण रुपया हाल में डॉलर के मुकाबले 80 के पार चला गया था. इस साल इसमें सात फीसदी की गिरावट आई है. हालांकि हाल में इसने अपने कुछ नुकसान की भरपाई कर ली है. तेल की कीमत में भी हाल में कमी आई है. ICRA Ratings की चीफ इकनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा कि ग्लोबल इकॉनमिक्स फंडामेंटल्स तेजी से बदल रहे हैं. इसलिए आंकड़ों पर निर्भरता सभी बैंकों के लिए जरूरी है. आरबीआई भी इनमें शामिल है. अमेरिका में लगातार दो तिमाहियों में इकॉनमी में गिरावट आई है. टेक्निकली देश की इकॉनमी जून तिमाही में मंदी में जा चुकी है.
कितनी बढ़ सकती है आपकी ईएमआई
अगर आरबीआई रेपो रेट में 50 बेसिस अंक की बढ़ोतरी करता है तो बैंक इसका बोझ ग्राहकों पर डालेंगे. इससे आपकी लोन की किस्त बढ़ जाएगी. होम लोन के साथ-साथ ऑटो लोन और पर्सनल लोन की किस्त में भी इजाफा होगा. अगर आपका होम लोन 30 लाख रुपये का है और इसकी अवधि 20 साल की है तो आपकी किस्त 24,168 रुपये से बढ़कर 25,093 रुपये पर पहुंच जाएगी.