कर्नाटक में सांप्रदायिक घृणा फैलाने को लेकर संगठनों को दी चेतावनी, बदनाम करने वालो पर प्रतिबंध लगाएगी सरकार, फिर चाहे वो RSS हो या कोई और संस्था
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कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने राज्य में सांप्रदायिक घृणा फैलाने को लेकर संगठनों को चेतावनी दी है। उन्होंने बुधवार 24 मई को कहा कि अगर कोई धार्मिक या राजनीतिक संगठन शांति को बाधित करने, सांप्रदायिक घृणा फैलाने और कर्नाटक को बदनाम करने की कोशिश करता है, तो हमारी सरकार उनसे कानूनी रूप से निपटने या उन पर प्रतिबंध लगाने में संकोच नहीं करेगी। फिर चाहे वो RSS हो या कोई और संस्था। साथ ही जानकारी के लिए आपको बता दे कि प्रियांक खरगे ने कहा कि हमारी सरकार वो सभी कानून और आदेश वापस लेगी, जो राज्य की आर्थिक प्रगति और समृद्धि को बाधित करते हैं और कर्नाटक वासियों के हितों के खिलाफ हैं।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने कुछ प्रमुख व्यक्तियों की जयंती मनाने का फैसला किया था और अन्य को छोड़ दिया था। केवल जयंती ही नहीं, पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के आदेश, चाहे वे पाठ्यपुस्तकों के संबंध में हो, गोहत्या-रोधी या, धर्मांतरण-रोधी कानून क्यों ना हों, उन सभी को संशोधित किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य कर्नाटक को फिर से अव्वल बनाना है और हम उस दिशा में कदम उठाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक उन आठ मंत्रियों में शामिल हैं, जिन्हें पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था।
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों पर कार्रवाई करने का वादा किया था। वही इससे पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी बेंगलुरु में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कहा था कि अब कोई मोरल पुलिसिंग नहीं होगी। हम इसे खत्म कर देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा था कि पुलिस को अपराधों को इस धर्म या उस धर्म के चश्मे से नहीं देखना चाहिए। सभी लोगों को समान रूप से देखा जाना चाहिए और समान सुरक्षा दी जानी चाहिए। पुलिस को लोगों के अनुकूल होना चाहिए और दूसरा, उन्हें थाने आने वाले लोगों के साथ विनम्र व्यवहार करना चाहिए।