Noida twin tower demolition: भ्रष्टाचार’ के टावर का आज आख़िरी दिन, पलक झपकते ही ढह जाएंगे सुपरटेक के Twin Towers

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भ्रष्टाचार की नींव पर खड़े सुपरटेक बिल्डर के ट्विन टावर आज दोपहर 2:30 बजे चंद सेकेंड में जमींदोज हो जाएंगे। नोएडा सेक्टर 93A में अवैध रूप से निर्मित इमारत पिछले कई दिनों से चर्चा का विषय बनी हुई है.

Noida twin tower demolition: भ्रष्टाचार की नींव पर खड़े सुपरटेक बिल्डर के ट्विन टावर आज दोपहर 2:30 बजे चंद सेकेंड में जमींदोज हो जाएंगे। नोएडा सेक्टर 93A में अवैध रूप से निर्मित इमारत पिछले कई दिनों से चर्चा का विषय बनी हुई है. भारतीय ब्लास्टर चेतन दत्ता एक बटन दबाकर 14 सेकंड में 32 मंजिला और 29 मंजिला ट्विन टावर्स को धूल में मिला देंगे. एक टावर को ढहाने में 9 तो दूसरे को ढहाने में 5 सेकंड का समय लगेगा.

गौरतलब हैं कि भारत में ऐसा पहली बार हुआ हैं कि अदालत के आदेश पर इतनी बड़ी इमारतों को गिराया जाएगा। इसके लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लंबी लड़ाई लड़ी गई। आखिरकार जीत आम आदमी की हुई जिसने बिल्डर की मनमानी के खिलाफ आवाज उठाकर भ्रष्ट तंत्र को घुटनों पर ला दिया।

कैसे बनी 32 मंजिल की इमारत
दरअसल यह कहानी 23 नंवबर 2004 से शुरू होती है। जब नोएडा अथॉरिटी ने सेक्टर-93ए स्थित प्लॉट नंबर-4 को एमराल्ड कोर्ट के लिए आवंटित किया गया था। जिसमें आवंटन के साथ ग्राउंड फ्लोर समेत 9 मंजिल तक मकान बनाने की अनुमति दी गई थी। लेकिन दो साल बाद 29 दिसंबर 2006 को अनुमति में संसोधन कर दिया गया। कि नोएडा अथॉरिटी ने संसोधन करके सुपरटेक को नौ की जगह 11 मंजिल तक फ्लैट बनाने की अनुमति दे दी।

इसके बाद अथॉरिटी ने टावर बनने की संख्या में भी इजाफा कर दिया। पहले 14 टावर बनने थे, जिन्हें बढ़ाकर पहले 15 फिर इन्हें 16 कर दिया गया। वहीं 26 नवंबर 2009 को नोएडा अथॉरिटी ने फिर से 17 टावर बनाने का नक्शा पास कर दिया। दो मार्च 2012 को टावर 16 और 17 के लिए एफआर में फिर बदलाव किया। इस संशोधन के बाद इन दोनों टावर को 40 मंजिल तक करने की अनुमति मिल गई। इसकी ऊंचाई 121 मीटर तय की गई। दोनों टावर के बीच की दूरी महज नौ मीटर रखी गई। जबकि, नियम के मुताबिक दो टावरों के बीच की ये दूरी कम से कम 16 मीटर होनी चाहिए थी।

रूट डायवर्जन से वाहन किराये पर नहीं पड़ेगा असर

ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के दौरान एक्सप्रेसवे पर यातायात डायवर्जन किया जाएगा। वाहनों को कई किमी घूमकर नोएडा से परी चौक और परी चौक से नोएडा जाना होगा। इस असर यूपी रोडवेज की बसों पर भी होगा। हालांकि, बसों का संचालन प्रभावित नहीं होगा। ग्रेनो डिपो के एआरएम ललित श्रीवास्तव ने बताया कि डायवर्जन से किराये पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बसों को अतिरिक्त घूमना पड़ेगा, लेकिन नोएडा-ग्रेनो के बीच किराए में बदलाव नहीं किया जाएगा।

3 महीने में साफ होगा मलबा
सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर्स की ऊंचाई कुतुब मीनार से भी अधिक है. यह 28 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे 14 सेकंड में ध्वस्त होने वाले भारत के सबसे ऊंचे ढांचे बन जाएंगे. Apex (32 मंजिला) और Ceyane (29 मंजिला) के डिमॉलिशन के बाद लगभग 80,000 टन मलबा निकलेगा. इतना मलबा साफ होने में कम से कम 3 महीने लगेंगे.


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