ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग चार्जशीट में एमवे इंडिया का नाम लिया ।
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नई दिल्ली ।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने स्वास्थ्य और सौंदर्य कंपनी एमवे इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच में आरोप पत्र दायर किया है, जिसमें कंपनी की 757 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है। मल्टीलेवल मार्केटिंग (एमएलएम) एमवे इंडिया ने देश भर में लाखों लोगों को उच्च मूल्य वाले कॉस्मेटिक उत्पादों पर कमीशन की पेशकश करके अपनी अंकन योजना में नामांकित किया, जिन्हें अधिक सदस्यों की भर्ती करने का काम सौंपा गया। ईडी ने अपने आरोपपत्र में कहा कि एमवे इंडिया अपने ग्राहकों से मोटी रकम वसूलने के लिए मल्टी मार्केटिंग और मनी सर्कुलेशन स्कीम चला रही थी। एजेंसी ने कंपनी में 4,050 करोड़ रुपये के अपराध की आय की पहचान की।
इसके अलावा, केंद्रीय एजेंसी ने एमवे इंडिया को 757 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति जब्त की। ईडी ने पहले एक बयान में कहा था कि एमवे का पूरा ध्यान यह प्रचारित करने पर है कि सदस्य बनकर सदस्य कैसे अमीर बन सकते हैं, न कि उत्पादों पर। एमवे इंडिया द्वारा बेचे जा रहे उत्पादों का उपयोग देश भर में बहु-स्तरीय विपणन योजनाओं के रूप में किया गया, जिससे बड़े पैमाने पर पिरामिड धोखाधड़ी हुई। यह जांच धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की जा रही है। 2022 में ईडी ने एमवे इंडिया के 36 अलग-अलग खातों से सैकड़ों करोड़ रुपये जब्त किए थे। ईडी ने कंपनी की 411.83 करोड़ रुपये की चल और चल संपत्ति तथा 345.96 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस जब्त किया था।
हालांकि, एमएलएम फर्म ने यह कहते हुए अपने व्यवसाय का बचाव किया था कि जांच वास्तव में 2011 की है, और उनका वर्तमान संचालन केंद्र की सभी नियामक आवश्यकताओं को पूरा करता है। एमवे इंडिया ने एक आधिकारिक बयान में कहा था, अधिकारियों की कार्रवाई 2011 की जांच के संबंध में है और तब से हम विभाग के साथ सहयोग कर रहे हैं और 2011 से समय-समय पर मांगी गई सभी जानकारी साझा की है। हम लंबित मुद्दों के निष्पक्ष, कानूनी और तार्किक निष्कर्ष की दिशा में संबंधित सरकारी अधिकारियों और कानून अधिकारियों के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे।
पत्रकार – देवाशीष शर्मा