भारत ने आग्नि प्राइम का किया सफल प्ररीक्षण, मारक क्षमता 1000-2000 किलोमीटर के बीच

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भारत ने शनिवार को अपनी आग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया है इसका परीक्षण ओडिशा के बालासोर तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप पर किया गया है. बता दें कि यह मिसाइल न्यू जेनरेशन के साथ-साथ परमाणू क्षमता वाली है. जिसकी मारक क्षमता 1000-2000 किलोमीटर के बीच है. पूर्वी तट पर स्थित टेलीमेट्री और रडार स्टेशनों की सहायता से यह परीक्षण किया गया. इस सफल परीक्षण के बाद अब भारत के विरोधी देशों को भारत से पंगा लेना काफी भारी पड़ सकता है. आपको बता दें कि अग्नि-पी बैलिस्टिक मिसाइल की अग्नि सीरीज की छठी मिसाइल है. यह मिसाइल सतह से सतह पर मार करने वाली है. इस परमाणु सक्षम मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है. अग्नि प्राइम को या तो ट्रेन में ले जाया जा सकता है या कनस्तर में रखा जा सकता है.

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ  को आग्नि प्राइम मिसाइल  के सफल परीक्षण पर बधाई देते हुए कहा है कि भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है, जिसने इस तरह के परीक्षण कर विकास की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है. इथना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि हमारे पास युवा प्रशिक्षित वैज्ञानिक,  तकनीकी और प्रबंधकीय प्रतिभा है. तो वहीं डीआरडीओ  के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने सफल परीक्षण करने के लिए टीम के प्रयासों की सराहना की.

गौरतलब हो कि आग्नि प्राइम मिसाइल से पहले भारत ने बीते दिनों में ओडिशा के चांदीपुर से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के वायु संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. उससे पहले ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एंटी-शिप वर्जन का  भी सफल परीक्षण किया था. इस मिसाइल का परीक्षण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से किया गया था.


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