तमिलनाडु सरकार को HC की फटकार, विज्ञापनों से गायब PM, राष्ट्रपति की फोटो

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कोर्ट ने राज्य सरकार से ये सुनिश्चित करने के लिए कहा कि भले ही राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री किसी अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में निमंत्रण स्वीकार करते हैं या नहीं लेकिन कार्यक्रम से जुड़े विज्ञापनों में उनकी तस्वीरें अवश्य होने चाहिए क्योंकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं.

शतरंज का सबसे बड़ा इवेंट चेस ओलंपियाड आज (28 जुलाई) से चेन्नई 50 किलोमीटर दूर मामल्लापुरम में कल से हो चूका है. भारत में पहली बार यह ओलंपियाड आयोजित हो रहा है इसमें रिकॉर्ड खिलाड़ी भाग ले रहे है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस 44वें शतरंज ओलंपियाड का उद्घाटन किया है. तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और खेलमंत्री अनुराग ठाकुर, एक्टर रजनीकांत, एआर रहमान भी जवाहर लाल नेहरू इंडोर स्टेडियम में हो रहे उद्घाटन समारोह में शामिल रहे.

HC ने लगायी फटकार
ओलंपियाड का उद्घाटन सब बहुत अच्छे से हुआ लेकिन ऐसा क्या हुआ जिस कारण से HC को तमिलनाडु के सरकार को फटकार लगनी पड़ी. हुआ यु की मद्रास हाई कोर्ट ने शतरंज ओलंपियाड 2022 के विज्ञापनों में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की तस्वीरें नहीं लगाने पर तमिलनाडु सरकार को फटकार लगाई थी.

दायर हुई थी जनहित याचिका

बता दें कि मदुरै निवासी राजेश कुमार द्वारा मद्रास हाईकोर्ट में एक जनहित याजिका दायर की गई थी. याचिकाकर्ता ने 28 जुलाई से 10 अगस्त तक तमिलनाडु के मामल्लापुरम में 44वें शतरंज ओलंपियाड के सभी विज्ञापनों में केवल मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की तस्वीर के इस्तेमाल को अवैध और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन बताया था. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से तमिलनाडु सरकार के विज्ञापनों में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीरें शामिल किए जाने का निर्देश देने की अपील की थी.

सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश
मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य की एम के स्टालिन सरकार (MK Stalin Government) को फटकार लगाते हुए निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि शतरंज ओलंपियाड 2022 से संबंधित सभी विज्ञापनों में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीरें दिखाई दें. साथ ही बेंच ने राज्य सरकार को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीरों से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए.
सार्वजनिक कार्यक्रमों में प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करना चाहिए. कोर्ट ने राज्य सरकार से ये सुनिश्चित करने के लिए कहा कि भले ही राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री किसी अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में निमंत्रण स्वीकार करते हैं या नहीं लेकिन कार्यक्रम से जुड़े विज्ञापनों में उनकी तस्वीरें अवश्य होने चाहिए क्योंकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं.


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