Ghulam Nabi Azad: बेहद भावुक दिल के साथ मैंने कांग्रेस से अपना पुराना नाता तोड़ लिया, लिखी 5-पेज की चिट्ठी “सोनिया गांधी”
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. इस तरह कांग्रेस से अब वो पूरी तरह से आजाद हो गए हैं. साथ ही उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ दी है.

Ghulam Nabi Azad:कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. इस तरह कांग्रेस से अब वह पूरी तरह से आजाद हो गए हैं. साथ ही उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ दी है. वहीं गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच पन्नों का इस्तीफा भेजा है. जिसमें गुलाम नबी आजाद कांग्रेस का बड़ा चेहरा माने जाते रहे हैं. पूर्व में वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं. सोनिया गांधी को लिखे इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद ने लिखा, ''इसलिए बड़े खेद और बेहद भावुक हृदय के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा शताब्दी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है.'' गुलाम नबी आजाद ने किया बड़ा खुलासा सोनिया गांधी को लिखी गई 5 पेज की चिट्ठी में गुलाम नबी आजाद ने कहा है, जनवरी 2013 में राहुल गांधी को आपके द्वारा कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाया गया, आजाद ने सोनिया को लिखे पत्र में कहा कि एआईसीसी के चुने हुए पदाधिकारियों को एआईसीसी का संचालन करने वाले छोटे समूह द्वारा तैयार की गई सूचियों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया। पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर धोखे के लिए नेतृत्व पूरी तरह से जिम्मेदार है। उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस में हालात अब ऐसी स्थिति पर पहुंच गए है, जहां से वापस नहीं आया जा सकता। पार्टी की कमजोरियों पर ध्यान दिलाने के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं को अपशब्द कहे गए, उन्हें अपमानित किया गया, नीचा दिखाया गया। उसके बाद पार्टी में मौजूद सलाह-मशविरे के सिस्टम को उन्होंने खत्म कर दिया. सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया गया और बिना अनुभव वाले चाटुकारों की मंडली पार्टी को चलाने लगी. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे गए गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के पत्र में लिखा है, "बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है।" इससे पहले गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की प्रचार समिति अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था. हैरानी की बात यह है कि कुछ घंटे पहले ही उन्हें यह पद दिया गया था। इसके बाद कांग्रेस के एक और नेता आनंद शर्मा ने हिमाचल चुनाव के महत्वपूर्व जिम्मेदारी से इस्तीफे का एलान ट्वीट कर किया था. माना जाता है कि गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा पार्टी के भीतर लगातार नजरअंदाज किया गया, जिससे खिन्न आकर उन्होंने ऐसे कदम उठाए.