‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ कैंपेन की इधर-से-उधर भटक रही फाइल
1 min readदिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार का ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ कैंपेन एक बार फिर चर्चा में है। दिल्ली सरकार ने हाल ही में इस कैंपेन से जुड़ी फाइल को उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पास दोबारा विचार करने के लिए भेजा है। एक दिन पहले ही उपराज्यपाल द्वारा इस कैंपेन से जुड़ी फाइल को दिल्ली सरकार के पास भेजने की बात सामने आई थी लेकिन अब दिल्ली सरकार ने दोबारा इस फाइल को विचार के लिए एलजी के पास भेजा है।
सोमवार को सूत्रों ने इस संबंध में जानकारी दी है। एक दिन पहले ही एलजी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस कैंपेन की समीक्षा करने को कहा था। बता दें कि इस कैंपेन के तहत चालकों को इस बात के लिए जागरूक किया जाना था कि जब वो ट्रैफिक सिग्नल के पास रेड लाइट होने के बाद इंतजार के लिए खड़े हों तो गाड़ी के इंजन को बंद कर दें।
एक सूत्र ने बताया, ‘हमने इस फाइल को एलजी के पास दोबारा विचार के लिए भेजा है। सरकार ने इसके साथ ही इस कैंपेन के पक्ष में अहम तथ्यों को भी भेजा है जिससे यह साबित होता है कि इस कैंपेन से काफी फायदा होगा। इसी तरह का अभियान देश के 40 शहरों में चलाया जा रहा है। यहां तक कि अमेरिका और लंदन में भी इसी तरह के अभियान चल रहे हैं। CRRI के मुताबिक, सिर्फ 20 प्रतिशत लोग ही ट्रैफिक सिग्नल पर गाड़ी का इंजन बंद करते हैं लेकिन हमने कैंपेन के दौरान पाया कि 80 फीसदी लोगों ने रेड सिग्नल पर गाड़ी का इंजन बंद किया था।’
इस कैंपेन को पहली बार 16 अक्टूबर, 2020 को लॉन्च किया गया था। दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया कि इस कैंपेन का मकसद था कि राजधानी में गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को कम किया जाए। इसके तहत चालकों को जागरूक किया गया कि ट्रैफिक पर रेड लाइट होने के बाद इंतजार करते समय वो गाड़ी का इंजन बंद रखें। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बीते शनिवार को कहा था कि दिल्ली सरकार इस कैंपेन को लेकर उपराज्यपाल द्वारा उठाए गए सभी सवालों का जवाब देगी और इसे उनके अप्रूवल के लिए दोबारा उनके पास भेजेगी। गोपाल राय ने एलजी पर आरोप लगाया था कि वो इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं।