कर्ज से तंग परिवार तबाह, छह ने खाया जहर, पांच की मौत, सूदखोरों के दबाव में थे
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पटना: बिहार के नवादा जिले से एक ह्रदयविदारक घटना सामने आई है, जहां जहर खाने से एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक लड़की की हालत गंभीर बनी हुई है। राज्य के समस्तीपुर जिले में भी इसी साल जून में सामूहिक आत्महत्या की घटना घटी थी, जिसमें परिवार के पांच सदस्य फंदे से लटके मिले थे। इसके एक साल पहले सुपौल में भी एक परिवार के पांच सदस्यों ने फांसी लगाकर जान दे दी थी। अब नवादा की घटना ने दिल्ली के बुराड़ी में हुई सामूहिक आत्महत्या की याद भी दिला दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नवादा जिले के रजौली के अम्मा गांव के रहने वाले लोग कर्ज में डूबे हुए थे, जिसके लिए इन्हे लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। कर्ज चुकाने में असमर्थ हुए तो परिवार के सभी लोगों ने जहर खा लिया। केदारनाथ गुप्ता का परिवार लंबे समय से नवादा में किराए के मकान में रह रहा था व्यापार करता था।
उन्होंने किसी से कर्ज लिया था, जिसे चुकाने के लिए उनपर भारी दबाव था। कोई रास्ता नहीं देख पूरे परिवार ने आत्महत्या करने का फैसला कर लिया। जहर खाने के बाद दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि तीन ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मृतकों में केदार लाल गुप्ता, उनकी पत्नी, बेटी गुड़िया कुमारी (20 साल) व शबनम कुमारी (19 साल) तथा बेटा प्रिंस कुमार (17 साल) शामिल हैं।
मृतक केदार लाल गुप्ता की 18 वर्षीय बेटी साक्षी कुमारी की हालत गंभीर बनी हुई है। साक्षी ने पुलिस को दिए बयान में घटना के पीछे कर्ज के दबाव की पुष्टि की है। इन्होंने पास में रहने वाले किसी शख्स से कर्ज लिया था, जिसे ये लोग चूका नहीं पा रहे थे। इनके ऊपर कर्ज चुकाने के लिए दवाब डाला जाने लगा।
वहीं, आत्महत्या करने वाले परिवार के मुखिया केदार लाल गुप्ता ने मार्मिक सुसाइड नोट लिखा है। इस सुसाइड नोट उन्होंने अपनी परेशानी का जिक्र करते हुए महाजनों की प्रताड़ना की चर्चा की है। दो पन्नों के नोट में कर्ज देने वाले छह लोगों के नाम का जिक्र करते हुए उन्हें देश-समाज का दीमक बताया है। कहा है कि ऐसे लोग पूरे देश को दीमक की तरह चांट कर बर्बाद कर रहे हैं। पुलिस हर एंगल से भी जांच कर रही है।