इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश चुनाव पर रोक लगाने के लिए रखा प्रस्ताव

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देश भर में एक बार फिर कोरोना के मामले तेज़ रफ्तार में बढ़ते नज़र आ रहे हैं। जिसके चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलेक्शन कमीशमन और प्रधानमंत्री से उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर रोक लगाने की मांग की है। आपको बता दें, शुक्रवार को कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के देश भर में 354 मामले दर्ज हुए हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव ने कहा, ‘UP में होने वाले विधानसभा चुनाव में कोरोना की तीसरी लहर से जनता को बचाने के लिए चुनाव आयोग राजनीतिक पार्टियों की चुनावी रैलियों पर रोक लगाए। उन्होंने सलाह दि कि वे चुनाव प्रचार टीवी और समाचार पत्रों के माध्यम से करें तो शायद भूतकाल की स्थिति दोबारा नहीं आएगी। प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, क्योंकि जान है तो जहान है।’

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होता

जस्टिस शेखर कुमार ने यह भी कहा कि जब इस न्यायालय में ही लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नहीं दिखते हैं। तो ये कैसे उमीद किया जा सकता है कि लोग इन रैलियों और चुनाव प्रचारों में इसका पालन करेंगें ही। साथ ही उन्होंने कहा कि इस न्यायालय के पास करीब 400 मुकदमे सूचीबद्ध हैं। इसी प्रकार से रोज मुकदमे सूचीबद्ध होते हैं। इस कारण बड़ी संख्या में अधिवक्ता आते हैं। उनके बीच किसी भी प्रकार की सोशल डिस्टेंसिंग नहीं होती है। वे आपस में सटकर खड़े होते हैं, जबकि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। साथ ही तीसरी लहर आने की संभावना है।

अन्य देशों में लगा लॉकडाउन

अगर दुनिया भर कि बात करें तो दैनिक समाचार पत्र के अनुसार 24 घंटे में 6 हजार नए मामले मिले हैं। 318 लोगों ने अपनी जान गवाई है। इतना ही नहीं यह समस्या हर दिन बढ़ती जा रही है। इस महामारी को देखते हुए चीन, नीदरलैंड, आयरलैंड, जर्मनी, स्कॉटलैंड जैसे देशों ने पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगा दिया है।

इस महासंकट को देखते हुए उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने इलेक्शन कमीशमन और प्रधानमंत्री के आगे प्रस्ताव रखा कि इस समस्या के समाधान पर ध्यान देना चहिए और इस स्थिति के लिए कड़े नियम कानून बनाने चहिए। कोर्ट ने सुझाव दिया कि दूसरी लहर से हमें सीख लेकर इस बार सतर्क रहना चहिए।

खबर है कि जब जस्टिस शेखर कुमार यादव जेल में बंद आरोपी संजय यादव की जमानत पर सुनवाई कर रहे थे, संजय के खिलाफ इलाहाबाद के थाना कैंट एरिया में मुकदमा दर्ज है। उसे शुक्रवार को जमानत मिल चुकी है।

कोर्ट ने क्या कुछ कहा :-

  1. पहले ही ग्राम पंचायत चुनाव और बंगाल विधानसभा चुनाव के वजह से कितने लोग कोरोना संक्रमित रहे और कितनों ने अपनी जान गवाई।
  2. जैसा कि अब फिर से UP में विधानसभा चुनाव करीब आ रहा है, जिसके लिए सभी पार्टियां रैली, सभाएं कर रही हैं और उसमें लाखों की तादात में लोग शामिल हो रहे हैं।
  3. रैलियों में किसी भी प्रकार से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना संभव नहीं है। जिसको की अगर समय रहते नहीं रोका गया तो स्थिति दूसरी लहर से ज्यादा भयावह होगी।
  4. इस स्थिति को देखते हुए चुनाव आयुक्त से न्यायालय ने मांग की है कि इस प्रकार की रैली और सभाओं पर तत्काल रोक लगाया जाए ।
  5. न्यायालय ने कहा कि आयुक्त पार्टियों को आदेशित करें कि वह अपना प्रचार दूरदर्शन और समाचार पत्रों के माध्यम से करें।
  6. और अगर संभव हो तो फरवरी में होने वाले चुनाव को भी एक-दो महीने के लिए टाल दें।
  7. जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां, सभाएं आगे भी होती जारी रहेंगी। क्योंकि “जान है तो जहान है”।
  8. भारतीय संविधान में हमें जीवन के अधिकार के बारे अनुच्छेद 21 में भी पढ़ने को मिल जाएगा।

कोर्ट ने कोरोना के समय मुफ्त टीकाकरण अभियान की प्रशंसा की

हाईकोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी , जिन्होंने भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में कोरोना मुफ्त टीकाकरण का अभियान चलाया है, वह प्रशंसनीय है और कोर्ट उसकी प्रशंसा करती है। प्रधानमंत्री से कोर्ट अनुरोध करती है कि इस भयावह महामारी की स्थिति को देखते हुए कड़े कदम उठाएं। रैली, सभाएं और होने वाले चुनाव को रोकने एवं टालने पर विचार करें, क्योंकि जान है तो जहान है। कोर्ट ने इस आदेश की एक प्रति महानिबंधक, इलाहाबाद हाईकोर्ट, चुनाव आयुक्त और केंद्र सरकार को प्रेषित करने का निर्देश दिया है। साथ ही आमजन को वैक्सिन की दोनों डोज जल्द से जल्द लगवाने की बात कही। जिससे देश कोरोना मुक्त होने की ओर एक और कदम बढ़ा सके।

 


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