केदारनाथ धाम में दिखा हिमस्खलन का भयावह मंजर, भरभराकर गिरा बर्फ का पहाड़
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केदारनाथ मंदिर से करीब 5 किमी पीछे बने चौराबाड़ी ग्लेशियर में गुरुवार शाम 6:30 बजे एवलांच आया। इसका वीडियो सामने आया है। हालांकि रुद्रप्रयाग के डिजास्टर मैनेजमेंट अधिकारी एनएस रजवार ने बताया कि यह काफी छोटा एवलांच था। इससे किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है।
यह वीडियो तीर्थयात्रियों ने ही रिकॉर्ड कर लिया था, जो अब वायरल हो गया है। इसे देखकर लोगों को 10 साल पहले केदारनाथ में आई तबाही का मंजर याद आ गया।
2013 में आई थी केदारनाथ में तबाही
2013 में केदारनाथ में बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ गई थी। इस बाढ़ से पूरे उत्तराखंड में 4190 लोगों की मौत हुई थीं। बाढ़ के दौरान केदारनाथ धाम में करीब 3 लाख श्रद्धालु फंस गए थे, जिन्हें बाद में आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के जवानों ने रेस्क्यू कर बचा लिया था। हालांकि, उसके बाद भी 4 हजार से ज्यादा लोग लापता हो गए थे।
चार धाम यात्रा मार्ग पर कचरे के ढेर से दोबारा हादसे की आशंका बढ़ी
इस साल करीब 10 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री उत्तराखंड की चार धाम यात्रा कर चुके हैं। लेकिन इस संख्या के कुछ साइड इफेक्ट्स भी रहे हैं, जैसे कचरा, विशेष रूप से प्लास्टिक बैग और रैपर, जो पर्यावरण के लिए खतरा हैं। इससे वैज्ञानिकों और पर्यावरण विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है। उनका कहना है कि इससे प्रदूषण और नेचुरल डिजास्टर्स का खतरा भी बढ़ सकता है।
PM मोदी ने लिया निर्माण कार्यों का जायजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वर्चुअली बद्रीनाथ और केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। इस बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले समय में केदारनाथ और बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ेगी। इसलिए केदारनाथ के आसपास के स्थानों को भी टूरिस्ट के लिए डेवलप करना होगा।