55 से 35 विधायकों को लेकर नॉट रिचेबल हुए एकनाथ शिंदे,संकट में उद्धव ठाकरे सरकार, दिल्ली से मुंबई तक हलचल
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महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट गहराया.बड़ी मुश्किलों के बाद महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार की स्थापना हुई थी. स्थापना के बाद से ही सरकार में शामिल तीनों दल के नेता लगातार यह कहते रहे हैं कि एमवीए सरकार अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी. शिवसेना के नेता संजय राउत तो यहां तक कहते थे कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अगले 25 सालों तक इस कुर्सी पर बरकरार रहेंगे.लेकिन अब ये कैसी घडी आ पड़ी है उद्धव ठाकरे की शिवसेना सरकार पर?
अब महाविकास अघाड़ी सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. यह खतरा पैदा हुआ है विधान परिषद चुनाव के नतीजों के बाद, दरअसल चुनावी नतीजों के बाद से ही शिवसेना नेता और सीनियर कैबिनेट मिनिस्टर एकनाथ शिंदे अपने तमाम समर्थक विधायकों के साथ गुजरात के सूरत शहर चले गए है.उन्होंने और उनके तमाम समर्थक विधायकों ने अपना फोन भी बंद कर दिया है.
हालाँकि खबर यह भी है कि शिंदे बीजेपी नेताओं के संपर्क में है. इस खबर के बाद महाविकास अघाड़ी सरकार की मुश्किलें बढ़ना तय है. एक तरफ क्रॉस वोटिंग की वजह से जहां तमाम कांग्रेस मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को आलाकमान ने दिल्ली तलब किया है. वहीं दूसरी तरफ शरद पवार ने भी आनन-फानन में एक आपात बैठक बुलाई है.इसी के चलते राउत ने भी अपना दिल्ली दौरा रद्द कर दिया है.
संजय राउत- दिल्ली दौरा रद्द
महाराष्ट्र की सियासत में अचानक उपजे इस सियासी तूफान की वजह से शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत ने अपना दिल्ली दौरा रद्द कर दिया है. वह आज उद्धव ठाकरे द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल होंगे. वहीं दूसरी तरफ एनसीपी के सीनियर लीडर और कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने भी अपने तमाम पूर्व नियोजित कार्यक्रमों को रद्द कर नासिक से मुंबई के लिए रवाना हो चुके हैं. दूसरी तरफ एमवीए के संयोजक और एनसीपी के सर्वेसर्वा शरद पवार ने भी संकट के बाद एक आपात बैठक बुलाई है. यह भी कहा जा रहा है कि शरद पवार एमवीए को बचाने के लिए दोबारा मैदान में कूद गए हैं. महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के शिवसेना के सभी 6 विधायक का कॉल भी नॉट रिचेबल बताए जा रहे हैं.
महाविकास अघाड़ी पर कितना संकट
एकनाथ शिंदे गुट के अचानक इस तरह से नाराज होने और गुजरात जाकर बीजेपी नेताओं के संपर्क में आने के बाद महाविकास अघाड़ी सरकार की मुश्किलें बढ़ना तय है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि एकनाथ शिंदे के साथ कितने विधायक गुजरात गए हैं. साथ ही कितने विधायक उनके सीधे संपर्क में हैं? सूत्रों के मुताबिक यह आंकड़ा 18 से भी ज्यादा का हो सकता है. ऐसे में अगर यह तमाम विधायक बीजेपी के साथ मिल गए और उन्हें अपना समर्थन दे दिया. तो महाविकास अघाड़ी सरकार को गिरने से बचा पाना काफी मुश्किल होगा जायेगा.