28 मई को होने वाले नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर 19 विपक्षी दलों ने किया उद्घाटन समारोह का बहिष्कार

सेंट्रल विस्टा का काम पूरा होने के बाद अब नए संसद भवन के उद्घाटन की तैयारियां हो रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। हालांकि इस बड़े समारोह से पहले राजनीतिक विवाद भी शुरू हो गया है। कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दलों ने सामूहिक तौर पर बायकॉट का ऐलान कर दिया है, उनका कहना है कि राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं कर सरकार ने लोकतंत्र का अपमान किया है। बीजेपी के तमाम नेता विपक्षी दलों को इसे लेकर घेर रहे हैं, अब असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने इसे लेकर एक बड़ा बयान दिया है। जिसमें उन्होंने पूछा है कि क्या ये विपक्षी दल आगे राम मंदिर के उद्घाटन का भी विरोध करेंगे?
साथ ही जानकारी के लिए आपको बता दे कि विपक्षी दलों के बहिष्कार को लेकर भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने इसकी निंदा की और उसके इस कदम को भारत के लोकतांत्रिक लोकाचार और संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान करार दिया. एनडीए की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘हम, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के दल। वही नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के 19 राजनीतिक दलों के अवमाननाकारी फैसले की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं। यह सिर्फ अपमानजनक नहीं बल्कि महान राष्ट्र के लोकतांत्रिक लोकाचार और संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान है।
साथ ही बता दें कि कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दलों ने 28 मई को होने वाले उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। विपक्षी दलों की मांग की है कि उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नहीं बल्कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करें। सरकार पर राष्ट्रपति मुर्मू को ‘पूरी तरह दरकिनार’ करने का आरोप लगाते हुए 19 दलों ने एक बयान में कहा है कि जब ‘‘लोकतंत्र की आत्मा को छीन लिया गया है’’ तो उन्हें नए भवन में कोई महत्व नजर नहीं आता।